आज कल कौन बचाता है
डूबनेवाले को
सब को तस्वीरो का चाव है
तस्वीर खींचते है
सब को लाइव फोटो चाहिए है
फोन तो सब के हैं
चाव भी सब को है तस्वीर का
बचाने का खतरा
बहुत मुश्किल है ये खतरा उठाना
तस्वीर खींचो
सब को दिखा देंगे तस्वीर को
पहचान लो
जिसका हो डूबनेवाला वो ले जाये
तस्वीर को
आखरी याद है डूबनेवाले की
कीमत दे दो
याद ले जाओ डूबनेवाले की
व्यपार बन गया
आज इंसानियत किसे याद है
बस व्यापार
यही सच है जिंदगी का
अपना लो
इस सच को नहीं तो यही होगा
कल आप के साथ
आज किसी को किसी से हमदर्दी नहीं
बस चाव है
और व्यापार बनी ये दुनिया है
जो नहीं अपना पाया
वो डूब गया जिंदगी के भंवर में
जिसने अपना लिया
वो तस्वीर खिंच कर चला गया
2 comments:
बिलकुल ठीक ...
duniya kuch is tarah ki hi ho gyi hai ab, koi madad krne aage nhi aata, sab tamasha dekhte hai...
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