Saturday, June 2, 2012

हमारी बारी

खाए जाओ खाए जाओ 
नेता जी तुम 
अभी लंगोटी बाकी मेरी 
वो भी बिक्वाओगे 
लगता है तुम 
कब तक ये हाल रहेगा 
कब तक नहीं सुधरोगे तुम 
हम भी हैं पक्के धुन के 
हार नहीं मानेगे तुम से 
तुम रिश्वत खाओगे 
हम तुम्हे इसके साथ 
जूते भी खिलाएंगे 
जब वोट मांगने आओगे 
रगड़ों नाक भी तब 
वोट नहीं पाओगे 
बहुत खून चूसा है तुमने 
तब हमारी बारी आएगी
लायेंगे तब नेता अच्छे 
इक नया भारत बनायेंगे 
नहीं विरासत में देंगे बच्चों को 
नेता तुम जैसे 
लायेंगे नेहरु गाँधी फिर से 
ऐसी लहर चलायेगे 
बहुत खिला दिया तुम्हे 
तब बारी हमारी आएगी 
फिर जागेगा भारत 
ऐसी हवा चलाएंगे 

2 comments:

श्यामल सुमन said...

वाह -
जगी चेतना लोग में लिया इन्हें पहचान।
गले सुमन का हार था हार गए श्रीमान।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
http://meraayeena.blogspot.com/
http://maithilbhooshan.blogspot.com/

रमा शर्मा, जापान said...

आभार श्यामल जी ....