असली गधे

 
    आज जब इंसान को इंसान की फ़िक्र नहीं
 
तो जानवर का कौन सोचे
 
बस मस्ती किये जाओ
 
ये तो गधा है नाम का
 
असली गधे तो सवारी करनेवाले हैं
 
बुरा न मानियेगा

2 comments:

Unknown said...

आज यही सच है।
वास्तविकतापरक अनुभूति से उपजी हुई आपकी ये रचना। बहुत सुन्दर

रमा शर्मा, जापान said...

हार्दिक आभार अभी बेटे